सप्तधा भावित सप्त गुण बल युक्त टॅब्लेट्स (250 mg) अगस्ति लोप/अस्त से पूर्व निर्मित No Profit, No loss basis distribution. शास्त्रोक्त श्लोक अनुष्ठान के उद्देश्य से प्रेरित उपक्रम भूयश्चैषां बलाधानं कार्यं स्वरसभावनैः । सुभावितं ह्यल्पमपि द्रव्यं स्याद्बहुकर्मकृत् ॥ स्वरसैस्तुल्यवीर्यैर्वा तस्माद्द्रव्याणि भावयेत् । स्वयं के स्वरस से या क्वाथ से अनेक भावना देने से औषध अधिक बलवान हो जाता है । अच्छी तरह से भावना दिया हुआ औषधि द्रव्य अल्प मात्रा में भी अधिक कार्यक्षम होता है ।इसलिये द्रव्य को स्वयं के स्वरस की या तत्समान वीर्य के अन्य द्रव्य की भावना देनी चाहिये । चरक के इस आदेश के अनुसार, 7 भावना देकर 250 mg प्रमाण के टॅब्लेट बनाये है । अल्पमात्रोपयोगी स्यात् अरुचे: न प्रसंग: स्यात् । क्षिप्रम् आरोग्यदायी स्यात् सप्तधा भाविता वटी ।। और ये भावना मात्र चूर्ण भीग जाये इतने हि क्वाथ की न होकर, प्रत्यक्षत: 1 kg चूर्ण में उसी के 7 kg चूर्ण का क्वाथ पूर्ण रूप से एकजीव होने तक मर्दन किया है । अर्थात ये केवल 7 भावना की नहीं , अपितु 7 गुण बल युक्त टॅब्लेट है । इसमे गुग्गुल का प्रयोग नहीं है। बाईंडर का प्रयोग मात्र टॅब्लेट पंचिंग के लिये जितना न्यूनतम आवश्यक है उतना हि है, अर्थात टॅब्लेट में औषधि का प्रमाण पूर्ण मात्रा में है । ये No Profit, No loss basis पर मात्र वैद्य गण के स्वयं के क्लिनिक में प्रयोग के लिये उपलब्ध है । इसमे व्यवसाय का कोई भी उद्देश्य नहीं है । ये शास्त्र में उल्लेखित श्लोक का अनुभव सभी को आये इस लक्ष्य से किया हुआ उपक्रम है । इसलिये किसी भी वैद्य को 500 gm से अधिक यह टॅब्लेट्स नहीं दी जायेगी । |